दूसरे प्रखंडों में भी डीपीओ के निरीक्षण में साये की तरह मुस्तैद रहता है शिक्षक रंजीत कुमार

समाचार विचार/वीरपुर/बेगूसराय: सूबे की औद्योगिक राजधानी बेगूसराय को अब क्राइम कैपिटल कहने में कोई अतिश्योक्ति नहीं होनी चाहिए। जिले में हो रही ताबड़तोड़ आपराधिक वारदातों ने जहां एक तरफ पुलिस की क्राइम कंट्रोल की व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा दिए हैं वहीं दूसरी तरफ जिले के अमनपसंद लोग दहशत के साये में जीने को अभिशप्त हो गए हैं। जिले में अब पुलिस का इकबाल साफ खत्म होता चला जा रहा है तभी तो बेखौफ बदमाश सरेशाम और सरेराह किसी पर भी गोलियों की बरसात करने से नहीं चूकते हैं और पुलिस की भारी भरकम फौज मुंह ताकते रह जाती है और भीड़ कानून व्यवस्था का चीरहरण करते हुए इंसाफ कर डालती है। सोशल मीडिया पर क्राइम कंट्रोल की लफ्फाजी करने वाली बेगूसराय पुलिस को आत्मचिंतन करने की दरकार है क्योंकि पिछले 24 घंटों के भीतर घटी दो वारदातों ने उसकी प्रासंगिकता खत्म कर दी है। हालांकि समाचार विचार भीड़ के द्वारा लिए गए इस निर्णय का अंशमात्र भी समर्थन नहीं करता है।

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